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Friday, January 28, 2011

इतिहास बनते फल और स्वाद ....में गतांक से आगे....


- डॉ. शरद सिंह

प्रिय मनप्रीत कौर की यह बात दिल को छूने वाली है कि उन्होंने कमरख, चार और तेंदू जैसे फल कभी नहीं देखे हैं। यह स्वाभाविक है कि ये फल पंजाब, हरियाणा आदि क्षेत्रों में नहीं होते हैं इसलिए वहां के हाट-बाज़ारों में इनके मिलने की संभावना शायद कभी नहीं रही होगी।
और, अब तो मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के गांवों के हाट-बाज़ार से भी ग़ायब होते जा रहे हैं। मनप्रीत की बात ने मुझे इसके लिए प्रेरित किया है कि इन फलों के बारे में मैं कुछ और जानकारी दूं। तो प्रस्तुत है कुछ और जानकारी....शायद सभी को रोचक लगे।

कमरख, Averrhoa carambola
कमरख

प्रचलित नाम: स्टार फल या kamrakh या carambola .
वानस्पतिक नाम:
Averrhoa carambola
.
परिवार:
Oxalidaceae.
किस्में: तुंग और
Arkin Fwang.
प्रसार: बीज और कलम बांधने का काम.
क्षेत्र : यह इंडोनेशिया और श्रीलंका के मूल निवासी है। यह अधिक मात्रा में 
मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विंध्याचल के जंगलों में पाया जाता है।
इसका फल खट्टा होता है। जो विटामिन सी का अच्छा स्रोत है।

चार, Buchanania lanzan

चार
प्रचलित नाम: चार, अचार और चिरौंजी
वानस्पतिक नाम : Buchanania lanzan
परिवार : Anacardiaceae
क्षेत्र : यह अधिक मात्रा में  मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विंध्याचल के जंगलों में पाया जाता है।
चार मेवे के रूप में प्रयोग में लाई जाने वाली चिरौंजी का फल है, चिरौंजी उस फल का बीज होता है। चार भी स्वादिष्ट होता है।


तेंदू,Diospyros (roxb) melanoxylon
तेंदू
प्रचलित नाम: तेंदू
वानस्पतिक नाम : Diospyros (roxb) melanoxylon
परिवारEbenaceae
यह अधिक मात्रा में  मध्यप्रदेश और उत्तर प्रदेश के विंध्याचल के जंगलों में पाया जाता है।
एक मध्यम आकार के पर्णपाती ऊंचाई 15
m ।  इसके पत्ते बीड़ी बनाने (लपेटने) के काम में आते हैं।
इसका फल गूदेदार, मीठा और स्वादिष्ट होता है।

8 comments:

  1. दोनों ही पोस्टें पढ़ लीं. फिर मेरा बचपन याद हो आया. आजकल ये फल शहरों में तो नहीं दीखते.परन्तु वे लुप्त नहीं हुए हैं.

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  2. एक और फल की याद आ गयी. चकोतरा, इसका पेड़ होता है और सिट्रस प्रजाति का है. मुसम्बी से कम से कम दस गुना बड़ा परन्तु होता खट्टा ही है. बचपन में साथ छूट गया. अब तक मुलाक़ात नहीं हो पायी है.

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  3. पी.एन. सुब्रमनियन जी, आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है। मेरे ब्लॉग पर आने के लिए हार्दिक धन्यवाद! इसी तरह सम्वाद क़ायम रखें।

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  4. कमरख को छोड़ तीनों फल प्रिय रहे हैं। तेंदू की लकड़ी के जलने पर जो आतिशबाजी देखने को मिलती थी वह अब स्वप्न हो गई है।

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  5. दिनेशराय द्विवेदी जी,
    मेरे इस ब्लॉग पर भी आपका स्वागत है!
    आपके विचारों से मेरा उत्साह बढ़ेगा।
    इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।

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  6. अब फालसे, झरबेरी के बेर, शरीफा, अंजीर आदि फल भी बाजार से कमोबेश गायब हो गये हैं. बचपन में हम जगह जगह उग आई बेरियों से बेर तोड़कर खाया करते थे. बहुत छोटे छोटे टमाटर जैसे फल जिनका मुझे नाम पता नहीं है बच्चों में बहुत लोकप्रिय थे.

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  7. प्रिय शरद जी मैं वन विभाग के कार्यक्रम के लिए जानकारी इकट्ठी कर रही थी तेंदु के बारे में उपयोगी जानकारी मिली धन्यवाद

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  8. Mere ganv tarf bhunt hai char Maja aa jata hai khane me

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