tag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post7063087504689679999..comments2024-03-10T09:27:29.916+05:30Comments on A mirror of Indian history: प्राचीन भारत में स्त्रियों के प्रति समाज का दृष्टिकोणः भाग-चारDr (Miss) Sharad Singhhttp://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comBlogger25125tag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-51286822491292277092022-04-01T07:25:50.311+05:302022-04-01T07:25:50.311+05:30Have you been defrauded by deceptive Bitcoin trade...Have you been defrauded by deceptive Bitcoin traders? Or are you seeking to recover funds you lost on telegram accounts to take over hackers/rippers?. I personally will recommend no one other than {wizardcyprushacker@gmail.com} <br />This is the least I could do for you after they saved my life by helping me recover up to 3.966BTC in less than two weeks from an online ripper lately. I got referred to them via my colleague at work, they also helped his spouse recover tokens and coins lost to scams. I'm glad I got in contact with this specialist because I would have most likely fallen victim to another online fraudster all in the name of them trying to help me. I owe these people a lot because it is so hard to see legit help online. Are you having similar issues with your BTC Wallet, Don't get scammed by these online fraudsters, contact {wizardcyprushacker@gmail.com} WhatsApp : +1 (424) 209-7204<br /> , they are the most efficient and most trusted recovery experts on here Mozell R Robinsonhttps://www.blogger.com/profile/17284108670308569081noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-49472722073114721052019-09-23T00:02:37.470+05:302019-09-23T00:02:37.470+05:30क्या हमारे भारत देश मे महिलाओं के दुर्व्यभार मे की...क्या हमारे भारत देश मे महिलाओं के दुर्व्यभार मे की जाने बाली इन प्रथाओं मे से........ नथी/नथि नाम की कोई प्रथा थी ????? <br />अगर हो तो अपगत कराएं kkhttps://www.blogger.com/profile/14886552486362410904noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-3024759472428218822011-06-14T13:45:24.408+05:302011-06-14T13:45:24.408+05:30Richa P Madhwani ji,
Always welcome your comments ...Richa P Madhwani ji,<br />Always welcome your comments on my blogs.Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-13855933032604009342011-04-27T11:59:43.187+05:302011-04-27T11:59:43.187+05:30Patali-The-Village,
मेरे लेख आपको रुचिकर लगे यह जा...Patali-The-Village,<br />मेरे लेख आपको रुचिकर लगे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई।<br />उत्साहवर्द्धन हुआ।<br />इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।<br />हार्दिक धन्यवाद।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-83157277154636225412011-04-26T09:26:41.526+05:302011-04-26T09:26:41.526+05:30अच्छी जानकारी मिल रही है आपकी इस श्रृंखला से| आभार...अच्छी जानकारी मिल रही है आपकी इस श्रृंखला से| आभार|Patali-The-Villagehttps://www.blogger.com/profile/08855726404095683355noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-75228561435109019702011-04-25T11:27:56.880+05:302011-04-25T11:27:56.880+05:30अबनीश सिंह चौहान जी,
जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरा ल...अबनीश सिंह चौहान जी,<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि मेरा लेख आपको रूचिकर लगा।<br />इसी तरह अपने अमूल्य विचारों से अवगत कराते रहें।<br />हार्दिक धन्यवाद।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-15465262400115020592011-04-24T21:18:27.250+05:302011-04-24T21:18:27.250+05:30विचारोत्तेजक आलेख. बधाई स्वीकारेंविचारोत्तेजक आलेख. बधाई स्वीकारेंअवनीश सिंह चौहान / Abnish Singh Chauhanhttps://www.blogger.com/profile/05755723198541317113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-2979154560981862192011-04-24T21:02:22.209+05:302011-04-24T21:02:22.209+05:30blogtaknik,
जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख प...blogtaknik,<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद! <br />आपकी शुभेच्छाओं एवं सद्कमनाओं के लिए अत्यन्त आभारी हूं ....<br />मेरे ब्लॉग्स पर आपका सदा स्वागत है।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-12851625024354925302011-04-24T21:00:14.852+05:302011-04-24T21:00:14.852+05:30विजय माथुर जी,
विनम्रतापूर्वक मैं यह बिन्दु दुहरान...विजय माथुर जी,<br />विनम्रतापूर्वक मैं यह बिन्दु दुहराना चाहुंगी कि..‘ऋग्वेद के दसवे मंडल के 18वें सूक्त की 7वी ऋचा मे (10.18.7) एक विधवा के अपने मृत पति की चिता के साथ सती हो जाने का उल्लेख है। यद्यपि व्यख्याकारों में इसकी व्यावहारिकता को ले कर मतभेद है किन्तु यह सूक्त सती के विचार के बीज की ओर संकेत तो करता ही है।’<br /><br />आभारी हूं कि आपने अपने विचारों से अवगत कराया।<br />संवाद बनाए रखें।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-64059904751481421552011-04-24T02:46:39.344+05:302011-04-24T02:46:39.344+05:30ऋग्वेद और दुसरे वेद और भारतीय धर्म शास्त्रों का अध...ऋग्वेद और दुसरे वेद और भारतीय धर्म शास्त्रों का अध्यन करे तो ऐसा प्रतीत होता है की यह एक इतिहाश का ग्रन्थ है वेद का विस्तृत अध्यन करने पर आज से २५०० वर्ष के अन्दर की गटनाओ का उलेख मिलेगा आपको जान कर आश्चर्य होगा की महाभारत राजा विक्रम आदित्य के समय में ५००० श्लोक की थी और धीरे धीरे आज २००० वर्ष के अन्दर १,००,००० श्लोक की हो गई है. कई सारे शास्त्रों और उप्निशेद में तो अक्षरश: समानता मिल जाती है. १९५० के समय में कुर्मी जाती छत्रिय अथवा वैश्य है पर विभिन पंडितो का अधिवेसन हुआ था जिसमे वेद मै कुर्मी जाती की उत्पति से लेकर विक्रम सवंत २०० तक की भारत यात्रा का उलेख मिलता है इसे हम आज के इलाहाबाद और गया मै पंडो के पास उपलब्द रिकोर्ड रखना कह सकते है वेद में भी उसी प्रकार सती प्रथा की गटना मिलना बड़ी बात नहीं है. बादशाह अकबर के पहले की गट्नाओ की जानकारी वेद में मिल सकती है. डॉ सरद शिंहजी बहुत अच्छा लगा आपके ब्लॉग पर आकरblogtaknikhttps://www.blogger.com/profile/18260247229709594364noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-79361913966201062842011-04-21T14:28:28.721+05:302011-04-21T14:28:28.721+05:30डा.शरद सिंह जी -ऋग्वेद का जो हवाला आपने दिया है मे...डा.शरद सिंह जी -ऋग्वेद का जो हवाला आपने दिया है मेरे विचार से किसी गलत व्याख्याकार के अनुवाद के कारण है.वेदों की संस्कृत अल्जेब्रिक (बीज गणितीय)है उसमें साधारण व्याख्या घातक होती है ,जैसा इस सन्दर्भ में हुआ है.वेदों में स्त्रियों की दुर्दशा की कल्पना मात्र भी नहीं है.यह तो समाज में धन के बढते प्रचलन और वैभव का दुष्परिणाम या बाई प्रोडक्ट है.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-30749456431827381092011-04-20T11:36:51.768+05:302011-04-20T11:36:51.768+05:30कौशलेन्द्र जी,
●-‘‘पुरुष वर्ग ने जानबूझकर ऐसा नहीं...कौशलेन्द्र जी,<br />●-‘‘पुरुष वर्ग ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया.’’ आपका यह मानना अपनी जगह सही है किन्तु ज़रा सोचिए कि तत्कालीन पुरुष-प्रधान समाज में, जहां निर्णय लेने का अधिकार सिर्फ़ पुरुषों को हो...दोषी तो वह माना ही जाएगा। किन्तु इसका अर्थ यह भी नहीं है कि प्रत्येक पुरुष दोषी होता है। आखिर राजा राममोहन राय, बालगंगाधर तिलक आदि भी पुरुष थे जिन्होंने सती प्रथा को समाप्त किया। वस्तुतः उस पुरुष वर्ग ने इस कुप्रथा को बढ़ावा दिया संकीर्ण मानसिकता के थे। दरअसल वह (जैसाकि आपने स्वयं लिखा है)‘‘नपुंसक पुरुष वर्ग’’ था।<br /><br />मेरे लेख को पसन्द करने और अपनी बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद! <br />संवाद बनाए रखें।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-41085084782099823902011-04-20T11:20:06.907+05:302011-04-20T11:20:06.907+05:30सतीश सक्सेना जी,
जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा ...सतीश सक्सेना जी,<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />हार्दिक धन्यवाद!<br />आपकी शुभेच्छाओं एवं सद्कमनाओं के लिए अत्यन्त आभारी हूं ....Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-27679748296651500782011-04-20T11:19:23.951+05:302011-04-20T11:19:23.951+05:30अनुराग शर्मा जी,(स्मार्ट इंडियन)
●-गुप्तोत्तर काल...अनुराग शर्मा जी,(स्मार्ट इंडियन)<br /><br />●-गुप्तोत्तर काल मुख्य रूप से छठीं शती से बारहवीं शती माना गया है।<br />●-सती शब्द को देवी सती जिसे दक्षायनी या दक्षपुत्री के नाम से भी जाना जाता है, से लिया गया है। देवी सती ने अपने पिता राजा दक्ष द्वारा उनके पति शिव का अपमान सहन नहीं कर सकने के कारण यज्ञ की अग्नि मे जलकर आत्मदाह कर लिया था। पुराणों में तत्संबंधी कथाएं मौजूद हैं। ये कथाएं सती की धरणा को महिमा मंडित करती रहीं। <br />●-ऋग्वेद के दसवे मंडल के 18वें सूक्त की 7वी ऋचा मे (10.18.7) एक विधवा के अपने मृत पति की चिता के साथ सती हो जाने का उल्लेख है। यद्यपि व्यख्याकारों में इसकी व्यावहारिकता को ले कर मतभेद है किन्तु यह सूक्त सती के विचार के बीज की ओर संकेत तो करता ही है।<br />●-गुप्तोत्तर काल में राजपूतों राजवंशों में यह कुप्रथा सीमित रूप में जड़ें जमा चुकी थी जिसका व्यापक रूप विदेशी आक्रमणकारियों की आमद के साथ सामने आने लगा था। <br /><br />इतिहास के प्रति आपके लगाव को देख कर प्रसन्नता हुई।<br />संवाद बनाए रखें।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-88455665551740341612011-04-20T10:28:10.024+05:302011-04-20T10:28:10.024+05:30मनोज कुमार जी,
आपका कहना -‘‘सामंती प्रथा के अलावा ...मनोज कुमार जी,<br />आपका कहना -‘‘सामंती प्रथा के अलावा जो ये हमेशा युद्ध रत रहते थे, वह तरह-तरह की पाबंदिया लगाने का एक कारण बना?‘‘...बिलकुल सही है। यह भी इतिहास के सच का एक हिस्सा है।<br /><br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />हार्दिक धन्यवाद!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-71423406150108568182011-04-19T20:08:17.147+05:302011-04-19T20:08:17.147+05:30गुप्तोत्तर काल में स्त्रियों की स्थिति में पतन एवं...गुप्तोत्तर काल में स्त्रियों की स्थिति में पतन एवं अधिकारों में कटौती के कारणों पर भी गौर किया जाना चाहिए. एक ही समाज में ...भिन्न-भिन्न कालों में स्त्रियों की सामाजिक स्थितियों में भिन्नता के कारणों में पुरुषों की विवशता (या नपुंसकता), राजनैतिक अक्षमता, आक्रान्ताओं से अपनी रक्षा करने की विवशता, स्त्रियों की सुरक्षा कर पाने में समाज की भीरुतापूर्ण अक्षमता, कुशल सामाजिक नेतृत्व का अभाव, धर्म की पंगुता, और तत्कालीन ब्राह्मणों की दिशाहीनता आदि कारण रहे हैं .......यह सब परिस्थितिजन्य था ......पुरुष वर्ग ने जानबूझकर ऐसा नहीं किया. यह सही है कि जौहर को महिमा मंडित किया गया.....यह एक टीवी विज्ञापन जैसा है ....उस दिशा में स्त्रियों को स्वेच्छा से आगे आने को प्रेरित करने के लिए. नपुंसक पुरुष वर्ग अपनी बहू- बेटियों की सुरक्षा में नाकाम रहा ......इसका जो परिणाम हुआ उसने स्त्रियों को नेपथ्य में धकेल दिया. <br />शरद जी ! यह ऐतिहासिक श्रृंखला आज के बच्चों और बड़ों सभी के लिए उपयोगी है. थोड़ा सा विस्तार और देने की आवश्यकता है.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-68739426184205859452011-04-19T07:54:28.424+05:302011-04-19T07:54:28.424+05:30बहुत उपयोगी लेख ...ब्लॉग जगत में सार्थक और उपयोगी ...बहुत उपयोगी लेख ...ब्लॉग जगत में सार्थक और उपयोगी लेखन के लिए आभार आपका !!Satish Saxena https://www.blogger.com/profile/03993727586056700899noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-10288957390848527362011-04-19T05:13:51.008+05:302011-04-19T05:13:51.008+05:30रोचक प्रविष्टि है। कृपया बताइये कि गुप्तोत्तर काल ...रोचक प्रविष्टि है। कृपया बताइये कि गुप्तोत्तर काल का समय (ईसवी कब से कब तक) क्या है? कारण यह है कि मेरा (अपढ) अन्दाज़ा यह था कि जौहर, बाल विवाह और जातिरूढ होने की प्रथायें विदेशी आक्रमणकारियों की आमद के साथ आरम्भ हुई होंगी। यदि सम्भव हो तो वार्ता को थोडा विस्तार और दीजिये और धारणाओं के पीछे के तथ्य और सन्दर्भों की जानकारी तो सोने में सुहागा होगी।Smart Indianhttps://www.blogger.com/profile/11400222466406727149noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-33720801389810929432011-04-18T14:35:31.735+05:302011-04-18T14:35:31.735+05:30स्त्रियों की स्थिति में विभिन्न कालों में आ रहे पर...स्त्रियों की स्थिति में विभिन्न कालों में आ रहे परिवर्तन को आपने क्रमवार रखा है।<br />क्या आपको ऐसा नहीं लगता कि सामंती प्रथा के अलावा जो ये हमेशा युद्ध रत रहते थे, वह तरह-तरह की पाबंदिया लगाने का एक कारण बना?मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-24979072457386517472011-04-18T11:43:06.286+05:302011-04-18T11:43:06.286+05:30देवेंद्र गौतम जी, (ghazalganga)
जानकर प्रसन्नता हु...देवेंद्र गौतम जी, (ghazalganga)<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />हार्दिक धन्यवाद!<br />आपकी शुभेच्छाओं एवं सद्कमनाओं के लिए अत्यन्त आभारी हूं ....<br />मेरे ब्लॉग्स पर आपका सदा स्वागत है।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-62901101388520997282011-04-18T11:20:24.935+05:302011-04-18T11:20:24.935+05:30आप एक शोधपरक ऐतिहासिक श्रृंखला तैयार कर रही हैं. इ...आप एक शोधपरक ऐतिहासिक श्रृंखला तैयार कर रही हैं. इंतज़ार रहेगा इन कड़ियों के भूमंडलीकरण के दौर तक पहुंचने का. इसके बाद पुस्तक के रूप में उपलब्ध होने का ---देवेंद्र गौतमdevendra gautamhttps://www.blogger.com/profile/09034065399383315729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-61420108188491922792011-04-17T18:23:45.274+05:302011-04-17T18:23:45.274+05:30सी एम प्रशाद जी,
मेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्...सी एम प्रशाद जी,<br />मेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवादDr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-74020480063042414352011-04-17T18:04:46.192+05:302011-04-17T18:04:46.192+05:30रूढियों में फंस कर स्त्री कितने दुख झेल गई, यह आपक...रूढियों में फंस कर स्त्री कितने दुख झेल गई, यह आपके इस लेख से पता चलता है।चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-53755710607709725702011-04-17T16:52:43.993+05:302011-04-17T16:52:43.993+05:30संगीता स्वरुप जी,
भारतीय इतिहास में रुचि रखने वाले...संगीता स्वरुप जी,<br />भारतीय इतिहास में रुचि रखने वाले प्रबुद्ध पाठकों को प्राचीन भारत में स्त्रियों के प्रति समाज के दृष्टिकोण से परिचित कराने के मेरे इस छोटे से प्रयास को आप निरन्तर सराह कर मेरा जो उत्साहवर्द्धन कर रही हैं उसके लिए मैं आपकी हृदय से आभारी हूं।<br /> मेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-45647778260344128392011-04-17T16:36:45.451+05:302011-04-17T16:36:45.451+05:30यानि कि गुप्तोतर काल के बाद से स्त्रियों की स्थति...यानि कि गुप्तोतर काल के बाद से स्त्रियों की स्थति बद से बद्तर होती चली गयी ...अच्छी जानकारी मिल रही है आपकी इस श्रृंखला से ..आभारसंगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com