tag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post8922611070372430167..comments2024-03-10T09:27:29.916+05:30Comments on A mirror of Indian history: प्राचीन भारत में स्त्रियों के प्रति समाज का दृष्टिकोणः भाग-तीनDr (Miss) Sharad Singhhttp://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comBlogger22125tag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-73324874647693607922023-04-01T20:21:32.612+05:302023-04-01T20:21:32.612+05:30बहुत सारगर्भित जानकारीबहुत सारगर्भित जानकारीDr.Santosh Kumar Sainhttps://www.blogger.com/profile/14526300086694303299noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-73773412041789314662020-05-23T09:12:41.089+05:302020-05-23T09:12:41.089+05:30Achi post Achi post Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14478077698776966567noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-55937137923642544872018-10-06T19:59:33.280+05:302018-10-06T19:59:33.280+05:30बहुत ही रोचक तथ्य
बहुत ही रोचक तथ्य<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01998276026843764598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-51122761308404907312011-06-15T23:07:43.807+05:302011-06-15T23:07:43.807+05:30प० राजेश कुमार शर्मा जी,
मेरे ब्लॉग पर आने के लिए ...प० राजेश कुमार शर्मा जी,<br />मेरे ब्लॉग पर आने के लिए आपको धन्यवाद...<br />यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको मेरे लेख पसन्द आए। आपको बहुत बहुत धन्यवाद !<br />मेरे ब्लॉग्स पर आपका सदा स्वागत है!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-25167756404974294222011-06-15T21:29:36.096+05:302011-06-15T21:29:36.096+05:30रर मै आज न जाने क्या खोजने के लिये बैठा था और उस ख...रर मै आज न जाने क्या खोजने के लिये बैठा था और उस खोज को खोजते खोजते यहां आ गया सच कहुं कि नैट पर बडे नपे तुले शब्दो मे लो लिखा गया है ज्ञान का सागर है आप इसी तरह सेवा मे लगे रहेईश्व आपको शक्ति प्रदान करेप० राजेश कुमार शर्माhttp://bhragujyotish.blogspot.com/noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-66354854325242903832011-04-21T19:15:19.602+05:302011-04-21T19:15:19.602+05:30अभी तक की चारों कड़ियाँ ज्ञानवर्धक हैं.सम्पूर्ण अध्...अभी तक की चारों कड़ियाँ ज्ञानवर्धक हैं.सम्पूर्ण अध्ययन से यही निष्कर्ष निकलता है -उत्तरोतर सभ्यता का विकास नारियों (महिलाओं)के लिए पिछडापन लाता गया.ऐसा धन-वैभव की बढ़ती मान्यता एवं फैलती शोषण मनोवृति के कारण ही हुआ है.इस अतीत को दृष्टांत नहीं बनाना चाहिए बल्कि सुधारात्मक दृष्टिकोण ले कर समतामूलक विकास की बात सामने आनी चाहिए.vijai Rajbali Mathurhttps://www.blogger.com/profile/01335627132462519429noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-24312356585227373472011-04-17T13:30:55.118+05:302011-04-17T13:30:55.118+05:30आशीष जी,
जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरे लेख पसन्...आशीष जी,<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरे लेख पसन्द आ रहे हैं....<br />आपको हार्दिक धन्यवाद!<br />इसी तरह सम्वाद बनाएं रखें।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-18621817659513769942011-04-16T16:33:37.193+05:302011-04-16T16:33:37.193+05:30इस आलेख माला को पढ़कर ज्ञान वर्धन हो रहा है . आभार...इस आलेख माला को पढ़कर ज्ञान वर्धन हो रहा है . आभार आपका .ashishhttps://www.blogger.com/profile/07286648819875953296noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-14641298582015312992011-04-15T10:17:41.443+05:302011-04-15T10:17:41.443+05:30विशाल जी,
आपने मेरे तीनों लेखों को सराहा...यह मेरे...विशाल जी,<br />आपने मेरे तीनों लेखों को सराहा...यह मेरे लिए अत्यंत प्रसन्नता का विषय है.<br />आपके आत्मीय विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया है.... हार्दिक धन्यवाद एवं आभार।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-64147207987801153082011-04-15T09:00:45.829+05:302011-04-15T09:00:45.829+05:30शरद जी,
आप के तीनो आलेख पढ़े हैं.बहुत ही बढ़िया जा...शरद जी,<br />आप के तीनो आलेख पढ़े हैं.बहुत ही बढ़िया जानकारी दे रहीं हैं.<br />आप के ब्लॉग पर आ कर पता चलता है कि ब्लॉग पर कितना सार्थक लेखन हो रहा है आजकल.<br /><br />सराहनीय प्रयासविशालhttps://www.blogger.com/profile/06351646493594437643noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-64695523838094885582011-04-14T21:32:24.406+05:302011-04-14T21:32:24.406+05:30मदन शर्मा जी,
टिप्पणी के लिए आभारी हूं।
जानकर प्रस...मदन शर्मा जी,<br />टिप्पणी के लिए आभारी हूं।<br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />हार्दिक धन्यवाद!<br /> मेरे ब्लॉग का अनुसरण करने के लिए आभार... आपका स्वागत है।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-65381531761236941652011-04-13T14:59:35.605+05:302011-04-13T14:59:35.605+05:30जिस तरह संक्षिप्त किन्तु सिलसिलेवार आपने विस्तृत ज...जिस तरह संक्षिप्त किन्तु सिलसिलेवार आपने विस्तृत जानकारी दी इसके लिए आपका आभार.मदन शर्माhttps://www.blogger.com/profile/07083187476096407948noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-43226650118026081142011-04-11T23:09:18.258+05:302011-04-11T23:09:18.258+05:30मनोज कुमार जी,
मेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य ...मनोज कुमार जी,<br />मेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-31738811136838783332011-04-11T23:08:23.038+05:302011-04-11T23:08:23.038+05:30सुशील बाकलीवाल जी,
इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त...सुशील बाकलीवाल जी,<br />इस उत्साहवर्द्धन के लिए अत्यन्त आभारी हूं। आपको बहुत-बहुत धन्यवाद !Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-67672291495973502352011-04-11T23:06:55.265+05:302011-04-11T23:06:55.265+05:30सी एम प्रशाद जी,
बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्...सी एम प्रशाद जी,<br />बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद !Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-72610075511594217892011-04-11T22:03:40.199+05:302011-04-11T22:03:40.199+05:30ज्यों-ज्यों सामंतवाद बढता गया, स्त्रियों की अवस्था...ज्यों-ज्यों सामंतवाद बढता गया, स्त्रियों की अवस्था खराब होती गई। सिक्कों पर समानता वाली बात नई जानकारी थी। संक्षिप्त किन्तु विस्तार से आपने मूल्यांकन किया है।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-50796496752266965802011-04-11T21:06:45.742+05:302011-04-11T21:06:45.742+05:30सिलसिलेवार जानकारी आपकी इस आलेख श्रृंखला दारा चल र...सिलसिलेवार जानकारी आपकी इस आलेख श्रृंखला दारा चल रही है । आभार...Sushil Bakliwalhttps://www.blogger.com/profile/08655314038738415438noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-48306842574437578082011-04-10T17:33:01.640+05:302011-04-10T17:33:01.640+05:30आधुनिक युग में भी रानी [इंदिरा गांधी] के सिक्के नि...आधुनिक युग में भी रानी [इंदिरा गांधी] के सिक्के निकले ना :)चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-69309448391499302522011-04-10T14:30:37.713+05:302011-04-10T14:30:37.713+05:30कौशलेन्द्र जी,
टिप्पणी के लिए आभारी हूं।
जानकर प्...कौशलेन्द्र जी,<br />टिप्पणी के लिए आभारी हूं। <br />जानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....<br />हार्दिक धन्यवाद!Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-26267337865482972952011-04-10T14:22:57.017+05:302011-04-10T14:22:57.017+05:30"कूट" शब्द से कुट्टीनी शब्द बना है. राजम..."कूट" शब्द से कुट्टीनी शब्द बना है. राजमहलों में इनकी सेवायें कूटनीतिक(जासूसी एवं षड़यंत्र ) कार्यों के लिए ली जाती रही हैं. समाज के संस्कार के अनुरूप समाज में स्त्रियों की स्थितियों में परिवर्तन होते रहे हैं. तो भी तुलनात्मक दृष्टि से देखा जाय तो पूरे विश्व में स्त्री अधिकार/ सम्मान का भारतीय इतिहास उज्वल रहा है. और आज भी है.बस्तर की अभिव्यक्ति जैसे कोई झरनाhttps://www.blogger.com/profile/11751508655295186269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-27172789156052134842011-04-10T13:33:00.456+05:302011-04-10T13:33:00.456+05:30संगीता स्वरुप जी,
कालान्तर में घर में निम्नस्तरीय ...संगीता स्वरुप जी,<br />कालान्तर में घर में निम्नस्तरीय षड्यंत्र करने वाली स्त्रियों के लिए भी " कुटनी " शब्द प्रयोग में लाया जाने लगा क्योंकि ‘कुट्टनी‘ अथवा ‘कुटनी’भी सभ्य घरों की युवतियों को बहलाने-फुसलाने के लिए षड्यंत्र करती थीं। <br /><br />अत्यंत आभारी हूं कि आपने मेरे लेख को इतने ध्यान से पढ़ा और पसन्द किया ।<br />हार्दिक धन्यवाद!<br />इसी तरह सम्वाद बनाएं रखें।Dr (Miss) Sharad Singhhttps://www.blogger.com/profile/00238358286364572931noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5825272702113376583.post-85612634711192048322011-04-10T12:56:33.924+05:302011-04-10T12:56:33.924+05:30गुप्त काल में स्त्रियों कि दशा के बारे में आलेख अच...गुप्त काल में स्त्रियों कि दशा के बारे में आलेख अच्छी जानकारी दे रहा है .." कुटनी " शब्द मैंने सुना तो था पर सही अर्थ कि जानकारी आज इस लेख को पढ़ कर मिली ..आभार ..वरना मैं तो समझती थी कि जो षड्यंत्रकारी स्त्रियां होती हैं ( घर में षड्यंत्र करने वाली ) उन्हें कुटनी कह दिया जाता होगा ..:):)<br /><br />गुप्त काल में भी स्त्रियों को काफी अधिकार प्राप्त थे ....संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com