पृष्ठ

Tuesday, June 28, 2011

मलीहाबादी आमों की बहार ...

मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके 
पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब 
 (Grafting expert and Padmashree horticulturist Haji Kaleemullah Khan) 
ने ऐतिहासिक काम किया है......


मलीहाबादी आमों की बहार देखने के लिए कृपया क्लिक करें -




मेरे इस वीडियो को You Tube पर भी देखा जा सकता है -


                        

33 comments:

  1. आमों के मौसम में यह विडियो अच्छा लगा ...शुभकामनायें !

    ReplyDelete
  2. आपके टलेंट का एक और नमूना। इतिहास, साहित्य, और अब ये।

    ReplyDelete
  3. बहुत खूबसूरत चित्र कथा ;):) डायरेक्टर , प्रोड्यूसर और फोटोग्राफर सब एक साथ ... बधाई

    ReplyDelete
  4. शरद सिंह जी! पोस्ट अच्छा है...दिलचस्प है. आप इसके लिए बधाई की पात्र हैं. लेकिन यह तो वर्तमान है...इतिहास का आइना नहीं. इस पोस्ट को किसी दूसरे ब्लॉग पर लगा सकती थीं. आपके पास तो कई ब्लॉग हैं.

    ReplyDelete
  5. वाह वाह ,इतना टैलेंट आपमें.इस टैलेंट कि तो अलग से दाद देता हूँ .ग़ज़ब का विडिओ .लीजिये आप मलिहाबादी आम के बागों में घूम आयीं और मैं आपके ब्लॉग तक घूम आया.

    ReplyDelete
  6. सतीश सक्सेना जी,
    यह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
    विचारों से अवगत कराने हेतु हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ...

    ReplyDelete
  7. मनोज कुमार जी,
    उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
    आपकी सुधी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद...

    ReplyDelete
  8. संगीता स्वरुप जी,
    यह जानकर मन खुश हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
    उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.

    ReplyDelete
  9. देवेन्द्र गौतम जी,
    आपकी सुधी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ...
    मैंने सोचा कि आदरणीय पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब living legend हैं और देश के horticulture उनका काम living historical work है, यूं भी वे इतिहास रच चुके हैं...इसलिए अपने इस ब्लॉग में उनके योगदान से जुड़े अपने इस वीडियो को प्रस्तुत किया.
    उत्साहवर्द्धन के लिए पुनः आभार...

    ReplyDelete
  10. कुंवर कुसुमेश जी,
    मेरे ब्लॉग तक भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद...
    यह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
    उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.

    ReplyDelete
  11. देख बहारें आमो की
    हमने इस साल आम्रपाली आम का स्वाद लिया.
    बढ़िया पोस्ट
    आभार

    ReplyDelete
  12. हाजी साहब को उनकी उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई.
    लाजवाब आमों की इतनी मीठी सुहानी बहार देख कर मन बाग़-बाग़ हो गया.
    आभार.

    ReplyDelete
  13. ललित शर्मा जी,
    यह जानकर मन खुश हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
    उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.

    ReplyDelete
  14. अल्पना वर्मा जी,
    आमों की बहार आपको पसंद आई यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है.
    आपकी आत्मीय टिपण्णी के लिए हार्दिक आभार...

    ReplyDelete
  15. आमों की यह जानकारी देने हेतु आभार .

    ReplyDelete
  16. आम की बात और ऐसी प्रस्‍तुति, वाह.

    ReplyDelete
  17. सवाई सिंह जी,
    आमों की बहार को पसन्द करने के लिए हार्दिक धन्यवाद...

    ReplyDelete
  18. राहुल सिंह जी,
    यह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
    उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.

    ReplyDelete
  19. बहुत सुंदर... सच कहूं इधर दिल्ली कई बार लखनऊ जाना भी हुआ, लेकिन इतनी भाग दौड़ रही आम से दूर ही रहा।
    पर आम की इस कमी को आपकी पोस्ट ने कुछ हद तक पूरा कर दिया।
    बहुत अच्छा

    ReplyDelete
  20. आमों की बहार देख कर मन ललचा गया । बाहर जो आये हैं य़हां आम कहाँ । सुंदर फोटोग्राफी । यदि किस्मों के नाम ङी लिखे होते तो ज्यादा मजा आता ।

    ReplyDelete
  21. महेन्द्र श्रीवास्तव जी,
    आमों की बहार को पसन्द करने के लिए हार्दिक धन्यवाद...
    अब जब भी लखनऊ जाएं मलीहाबादी आमों का स्वाद जरूर लें.

    ReplyDelete
  22. आशा जोगलेकर जी,
    आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
    स्वदेश वापसी पर मलीहाबादी आमों का आनन्द लिया जा सकता है...फिलहाल वहां के फलों का आनन्द लीजिए.

    ReplyDelete
  23. बहुत रोचक लगा यह सब.
    --------------
    कल 12/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
    धन्यवाद!

    ReplyDelete
  24. हाजी कलि -मुल्ला खान साहब के काम को आपने अपनी प्रतिभा की रोशनी दी अच्छा लगा .आपको और डॉ .वर्षा सिंह जी को ढेरों बधाइयां .निर्माता निर्देशक का यह किरदार भी काम पर आपकी छाप लिए था .शुक्रिया इसे सांझा करने के लिए .

    ReplyDelete
  25. यशवन्त माथुर जी,
    यह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको आमों की बहार पसंद आई. आपको बहुत बहुत धन्यवाद !

    ReplyDelete
  26. वीरूभाई जी,
    आपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया....
    हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.

    ReplyDelete
  27. डॉ .वर्षा सिंह जी को ढेरों बधाइयां. आमों की बहार देख कर मन बाग़-बाग़ हो गया.

    ReplyDelete
  28. सुधीर जी,
    हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.

    ReplyDelete
  29. उनके बाग़ में बैठकर आम खा चुका हूँ। मलीहाबाद का हापुस भी। यहाँ उनके बारे में पढकर अच्छा लगा।

    ReplyDelete
  30. Anurag Sharma ji,
    Really, You are so lucky !
    Thanks for visit my 'Mlihabadi Aamon Ki Bahar'.

    ReplyDelete
  31. ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
    पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
    मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।

    ReplyDelete
  32. ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
    पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
    मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।

    ReplyDelete
  33. ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
    पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
    मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।

    ReplyDelete