मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब (Grafting expert and Padmashree horticulturist Haji Kaleemullah Khan) ने ऐतिहासिक काम किया है......
मलीहाबादी आमों की बहार देखने के लिए कृपया क्लिक करें -
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शरद सिंह जी! पोस्ट अच्छा है...दिलचस्प है. आप इसके लिए बधाई की पात्र हैं. लेकिन यह तो वर्तमान है...इतिहास का आइना नहीं. इस पोस्ट को किसी दूसरे ब्लॉग पर लगा सकती थीं. आपके पास तो कई ब्लॉग हैं.
वाह वाह ,इतना टैलेंट आपमें.इस टैलेंट कि तो अलग से दाद देता हूँ .ग़ज़ब का विडिओ .लीजिये आप मलिहाबादी आम के बागों में घूम आयीं और मैं आपके ब्लॉग तक घूम आया.
देवेन्द्र गौतम जी, आपकी सुधी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ... मैंने सोचा कि आदरणीय पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब living legend हैं और देश के horticulture उनका काम living historical work है, यूं भी वे इतिहास रच चुके हैं...इसलिए अपने इस ब्लॉग में उनके योगदान से जुड़े अपने इस वीडियो को प्रस्तुत किया. उत्साहवर्द्धन के लिए पुनः आभार...
कुंवर कुसुमेश जी, मेरे ब्लॉग तक भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद... यह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई. उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
बहुत सुंदर... सच कहूं इधर दिल्ली कई बार लखनऊ जाना भी हुआ, लेकिन इतनी भाग दौड़ रही आम से दूर ही रहा। पर आम की इस कमी को आपकी पोस्ट ने कुछ हद तक पूरा कर दिया। बहुत अच्छा
आशा जोगलेकर जी, आपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार... स्वदेश वापसी पर मलीहाबादी आमों का आनन्द लिया जा सकता है...फिलहाल वहां के फलों का आनन्द लीजिए.
हाजी कलि -मुल्ला खान साहब के काम को आपने अपनी प्रतिभा की रोशनी दी अच्छा लगा .आपको और डॉ .वर्षा सिंह जी को ढेरों बधाइयां .निर्माता निर्देशक का यह किरदार भी काम पर आपकी छाप लिए था .शुक्रिया इसे सांझा करने के लिए .
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब! पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम' मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब! पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम' मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब! पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम' मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।
आमों के मौसम में यह विडियो अच्छा लगा ...शुभकामनायें !
ReplyDeleteआपके टलेंट का एक और नमूना। इतिहास, साहित्य, और अब ये।
ReplyDeleteबहुत खूबसूरत चित्र कथा ;):) डायरेक्टर , प्रोड्यूसर और फोटोग्राफर सब एक साथ ... बधाई
ReplyDeleteशरद सिंह जी! पोस्ट अच्छा है...दिलचस्प है. आप इसके लिए बधाई की पात्र हैं. लेकिन यह तो वर्तमान है...इतिहास का आइना नहीं. इस पोस्ट को किसी दूसरे ब्लॉग पर लगा सकती थीं. आपके पास तो कई ब्लॉग हैं.
ReplyDeleteवाह वाह ,इतना टैलेंट आपमें.इस टैलेंट कि तो अलग से दाद देता हूँ .ग़ज़ब का विडिओ .लीजिये आप मलिहाबादी आम के बागों में घूम आयीं और मैं आपके ब्लॉग तक घूम आया.
ReplyDeleteसतीश सक्सेना जी,
ReplyDeleteयह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
विचारों से अवगत कराने हेतु हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ...
मनोज कुमार जी,
ReplyDeleteउत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
आपकी सुधी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद...
संगीता स्वरुप जी,
ReplyDeleteयह जानकर मन खुश हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
देवेन्द्र गौतम जी,
ReplyDeleteआपकी सुधी टिप्पणी के लिए हार्दिक धन्यवाद एवं आभार ...
मैंने सोचा कि आदरणीय पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब living legend हैं और देश के horticulture उनका काम living historical work है, यूं भी वे इतिहास रच चुके हैं...इसलिए अपने इस ब्लॉग में उनके योगदान से जुड़े अपने इस वीडियो को प्रस्तुत किया.
उत्साहवर्द्धन के लिए पुनः आभार...
कुंवर कुसुमेश जी,
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग तक भ्रमण के लिए हार्दिक धन्यवाद...
यह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
देख बहारें आमो की
ReplyDeleteहमने इस साल आम्रपाली आम का स्वाद लिया.
बढ़िया पोस्ट
आभार
हाजी साहब को उनकी उपलब्धि पर बहुत बहुत बधाई.
ReplyDeleteलाजवाब आमों की इतनी मीठी सुहानी बहार देख कर मन बाग़-बाग़ हो गया.
आभार.
ललित शर्मा जी,
ReplyDeleteयह जानकर मन खुश हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
अल्पना वर्मा जी,
ReplyDeleteआमों की बहार आपको पसंद आई यह मेरे लिए प्रसन्नता का विषय है.
आपकी आत्मीय टिपण्णी के लिए हार्दिक आभार...
आमों की यह जानकारी देने हेतु आभार .
ReplyDeleteआम की बात और ऐसी प्रस्तुति, वाह.
ReplyDeleteसवाई सिंह जी,
ReplyDeleteआमों की बहार को पसन्द करने के लिए हार्दिक धन्यवाद...
राहुल सिंह जी,
ReplyDeleteयह जानकर मन प्रसन्न हो गया कि आपको आमों की बहार पसंद आई.
उत्साहवर्द्धन के लिए आभारी हूं.
बहुत सुंदर... सच कहूं इधर दिल्ली कई बार लखनऊ जाना भी हुआ, लेकिन इतनी भाग दौड़ रही आम से दूर ही रहा।
ReplyDeleteपर आम की इस कमी को आपकी पोस्ट ने कुछ हद तक पूरा कर दिया।
बहुत अच्छा
आमों की बहार देख कर मन ललचा गया । बाहर जो आये हैं य़हां आम कहाँ । सुंदर फोटोग्राफी । यदि किस्मों के नाम ङी लिखे होते तो ज्यादा मजा आता ।
ReplyDeleteमहेन्द्र श्रीवास्तव जी,
ReplyDeleteआमों की बहार को पसन्द करने के लिए हार्दिक धन्यवाद...
अब जब भी लखनऊ जाएं मलीहाबादी आमों का स्वाद जरूर लें.
आशा जोगलेकर जी,
ReplyDeleteआपकी आत्मीय टिप्पणी के लिए हार्दिक आभार...
स्वदेश वापसी पर मलीहाबादी आमों का आनन्द लिया जा सकता है...फिलहाल वहां के फलों का आनन्द लीजिए.
बहुत रोचक लगा यह सब.
ReplyDelete--------------
कल 12/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
हाजी कलि -मुल्ला खान साहब के काम को आपने अपनी प्रतिभा की रोशनी दी अच्छा लगा .आपको और डॉ .वर्षा सिंह जी को ढेरों बधाइयां .निर्माता निर्देशक का यह किरदार भी काम पर आपकी छाप लिए था .शुक्रिया इसे सांझा करने के लिए .
ReplyDeleteयशवन्त माथुर जी,
ReplyDeleteयह जानकर सुखद अनुभूति हुई कि आपको आमों की बहार पसंद आई. आपको बहुत बहुत धन्यवाद !
वीरूभाई जी,
ReplyDeleteआपके विचारों ने मेरा उत्साह बढ़ाया....
हार्दिक धन्यवाद एवं आभार.
डॉ .वर्षा सिंह जी को ढेरों बधाइयां. आमों की बहार देख कर मन बाग़-बाग़ हो गया.
ReplyDeleteसुधीर जी,
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद एवं आभार.
उनके बाग़ में बैठकर आम खा चुका हूँ। मलीहाबाद का हापुस भी। यहाँ उनके बारे में पढकर अच्छा लगा।
ReplyDeleteAnurag Sharma ji,
ReplyDeleteReally, You are so lucky !
Thanks for visit my 'Mlihabadi Aamon Ki Bahar'.
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
ReplyDeleteपद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
ReplyDeleteपद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।
ऐतिहासिक काम ...शुभकामनायें एवं हार्दिक आभार ... खान साहब!
ReplyDeleteपद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब - आम की नई किस्म 'नमो आम'
मलीहाबाद में आमों की सब से अधिक किस्में पैदा करके पद्मश्री हाजी कलीमुल्लाह खान साहब ने ऐतिहासिक काम किया है......लखनऊ के मलिहाबाद में हाजी कलिमुल्ला खान ने आम की नई किस्म को 'नमो आम' का नाम दिया। उन्होंने यह आम भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को समर्पित किया है।