बहुत ही खोज पूर्ण एवं तथ्यात्मक बात कही है आपने | इसके लिए आपका बहुत धन्यवाद | मेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए
शरद जी ,नैमिष -आरण्य के उद्गम और नामकरण ,रावण -वध के बाद भगवान् राम का पाप बोध से मुक्ति के लिए स्नान ,भारतीय परम्परा और आस्था के मूल स्रोत पे ले जा के छोड़ता है .बहुत खूब और स्मृति में संजोने ने लायल आलेख .आभार और बधाई . बुधवार, १० अगस्त २०११ कृपया यहाँ भी हस्तक्षेप करें - Thursday, August 11, 2011 Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स " .http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://sb.samwaad.com/ ऑटिज्म और वातावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism. Posted by veerubhai on Wednesday, August 10 Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Otizm, आटिज्म, स्वास्थ्य चेतना
हमारे घर से यह स्थान मात्र 80 K .M.है। पौराणिक आधार पर आपका वर्णन ठीक है। किन्तु पुराणों मे अर्थ का अनर्थ कर दिया गया है। अनुसंधान द्वारा अनर्थ व्याख्या से बचते हुये वास्तविक रूप मे नैमिषारण्य के महत्व को समझने की आवश्यकता है।
बहुत सुन्दर, महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक लेख! आपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें! मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है- http://seawave-babli.blogspot.com/ http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
आपके बहु आयामी व्यक्तित्व ने बहुत प्रभावित किया. और पहली बार में ही हम आपके ब्लॉग को फ़ॉलो कर रहे हैं. I am sure I will learn a lot from your vast knowledge..
नमस्कार.... बहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........ आपका ब्लागर मित्र नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
आज के लेख में बिल्कुल नयी जानकारी मिली ... बहुत ज्ञानवर्द्धक लेख .. आभार
ReplyDeleteसंगीता स्वरुप जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने और अपने विचारों से अवगत कराने के लिए.
आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल कल 11 - 08 - 2011 को यहाँ भी है
ReplyDeleteनयी पुरानी हल चल में आज- समंदर इतना खारा क्यों है -
संगीता स्वरुप जी,
ReplyDeleteनयी पुरानी हल चल में मेरी पोस्ट को शामिल करने के लिए बहुत-बहुत आभार...
नैमिशारण्य का नाम तो सत्यनारायण कथा और अन्य धार्मिक ग्रंथों में सुनते आ रहे थे। आज आपने हमें उसके दर्शन करा कर धन्य कर दिया॥
ReplyDeleteनवीनतम जानकारी ...आभार आपका !
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने...
ReplyDeleteसादर आभार...
धार्मिक और ऐतिहासिक दोनो के ही परिपेक्ष्य मे उत्तम जानकारी यह तो निश्चित ही है कि इस भूमी मे हिंदू धर्मा क उत्थान हुआ था
ReplyDeleteमेरे लिए तो यह जानकारी बिल्कुल नई थी। अगली कड़ी का इंतज़ार है।
ReplyDeleteबहुत ही खोज पूर्ण एवं तथ्यात्मक बात कही है आपने | इसके लिए आपका बहुत धन्यवाद |
ReplyDeleteमेरा आपसे निवेदन है कि 16 अगस्त से आप एक हफ्ता देश के नाम करें, अन्ना के आमरण अनशन के शुरू होने के साथ ही आप भी अनशन करें, सड़कों पर उतरें। अपने घर के सामने बैठ जाइए या फिर किसी चौराहे या पार्क में तिरंगा लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ नारे लगाइए। इस बार चूके तो फिर पता नहीं कि यह मौका दोबारा कब आए
बहुत अच्छी जानकारी!
ReplyDeleteनई जानकारी देती अच्छी पोस्ट बधाई
ReplyDeleteआशा
नैमिषारण्य तीर्थ की जानकारी के लिये धन्यवाद। अगली कडी का इंतज़ार रहेगा।
ReplyDeleteचौरासी हज़ार ऋषियों के विषय में सुना था ,इन कथाओं से जानकारी बढ़ी ,अब अगली कड़ी का इन्तज़ार है !
ReplyDeleteचंद्रमौलेश्वर प्रसाद जी,
ReplyDeleteलेख को पसन्द करने के लिए आभार...
सतीश सक्सेना जी,
ReplyDeleteअपने विचारों से अवगत कराने के लिए अनुगृहीत हूं...
एस एम हबीब जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने के लिए.
अरुणेश सी दवे,
ReplyDeleteआपका मानना सही है...
अपने विचारों से अवगत कराने के लिए अनुगृहीत हूं...
मनोज कुमार जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने और अपने विचारों से अवगत कराने के लिए.
मदन शर्मा जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने के लिए.
अनशन के संबंध में आपका आग्रह अनुकरणीय है.
वाणी गीत जी,
ReplyDeleteलेख को पसन्द करने के लिए आभार...
आशा जी,
ReplyDeleteआपके विचारों ने उत्साह बढ़ाया...हार्दिक आभार....
अनुराग शर्मा जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने के लिए. आपकी रुचि उत्साहित करती है.
प्रतिभा सक्सेना जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को रुचि लेकर पढ़ने और उत्साहवर्ध्दक टिप्पणी हेतु हार्दिक आभार...
जानकारी से भरपूर आलेख.... पसंद आया.
ReplyDeleteप्रतुल वशिष्ठ जी,
ReplyDeleteहार्दिक आभार...मेरे लेख को पसन्द करने के लिए.
वाह! आनंद आ गया आपका सुन्दर लेख पढकर.
ReplyDeleteबहुत अच्छी जानकारियाँ मिली आपके इस लेख से.
बहुत बहुत आभार जी.
राकेश कुमार जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को रुचि लेकर पढ़ने और अपने विचारों से अवगत कराने के लिए हार्दिक आभार...
शरद जी ,नैमिष -आरण्य के उद्गम और नामकरण ,रावण -वध के बाद भगवान् राम का पाप बोध से मुक्ति के लिए स्नान ,भारतीय परम्परा और आस्था के मूल स्रोत पे ले जा के छोड़ता है .बहुत खूब और स्मृति में संजोने ने लायल आलेख .आभार और बधाई .
ReplyDeleteबुधवार, १० अगस्त २०११
कृपया यहाँ भी हस्तक्षेप करें -
Thursday, August 11, 2011
Music soothes anxiety, pain in cancer "पेशेंट्स "
.http://veerubhai1947.blogspot.com/
http://sb.samwaad.com/
ऑटिज्म और वातावरणीय प्रभाव। Environment plays a larger role in autism.
Posted by veerubhai on Wednesday, August 10
Labels: -वीरेंद्र शर्मा(वीरुभाई), Otizm, आटिज्म, स्वास्थ्य चेतना
आपने तो बहुत ही ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध करवाई…………आभार
ReplyDeleteहमारे घर से यह स्थान मात्र 80 K .M.है। पौराणिक आधार पर आपका वर्णन ठीक है। किन्तु पुराणों मे अर्थ का अनर्थ कर दिया गया है। अनुसंधान द्वारा अनर्थ व्याख्या से बचते हुये वास्तविक रूप मे नैमिषारण्य के महत्व को समझने की आवश्यकता है।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया जानकारी दी है आपने
ReplyDeleteआज का आगरा ,भारतीय नारी,हिंदी ब्लॉगर्स फ़ोरम इंटरनेशनल , ब्लॉग की ख़बरें, और एक्टिवे लाइफ ब्लॉग की तरफ से रक्षाबंधन की हार्दिक शुभकामनाएं
ReplyDeleteसवाई सिंह राजपुरोहित आगरा
आप सब ब्लॉगर भाई बहनों को रक्षाबंधन की हार्दिक बधाई / शुभकामनाएं
वीरूभाई जी,
ReplyDeleteआपने मेरे लेख को पसन्द किया आभारी हूं। कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
वन्दना जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
विजय माथुर जी,
ReplyDeleteमेरे लेख पर अपने विचार प्रकट करने के लिये बहुत-बहुत धन्यवाद।
सवाई सिंह राजपुरोहित जी,
ReplyDeleteआपने मेरे लेख को पसन्द किया आभारी हूं। कृपया इसी तरह सम्वाद बनाए रखें।
सवाई सिंह राजपुरोहित जी,
ReplyDeleteआपको भी रक्षाबंधन पर्व पर हार्दिक शुभकामनाएं.
स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
ReplyDeleteबहुत सुन्दर, महत्वपूर्ण एवं ज्ञानवर्धक लेख!
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनायें!
मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
बहुत बढिया जानकारी.
ReplyDeleteआज़ादी की सालगिरह मुबारक़ हो.
विजय माथुर जी,
ReplyDeleteआपको भी स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
बबली जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार !
वन्दना अवस्थी दुबे जी,
ReplyDeleteजानकर प्रसन्नता हुई कि आपको मेरा लेख पसन्द आया....
आपको भी स्वाधीनता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएं।
आपकी ये कथाएँ मेरे लिये तो नवीन रहीं मैने पहले पढी नही थीं । अक्सर पुराण कथाएँ एकदा नैमिषारण्ये से शुरु होती हैं । इस अरण्य की कथा जानकर अच्छा लगा ।
ReplyDeleteआशा जोगळेकर जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
आपके बहु आयामी व्यक्तित्व ने बहुत प्रभावित किया. और पहली बार में ही हम आपके ब्लॉग को फ़ॉलो कर रहे हैं. I am sure I will learn a lot from your vast knowledge..
ReplyDeleteनमस्कार....
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर लेख है आपकी बधाई स्वीकार करें
मैं आपके ब्लाग का फालोवर हूँ क्या आपको नहीं लगता की आपको भी मेरे ब्लाग में आकर अपनी सदस्यता का समावेश करना चाहिए मुझे बहुत प्रसन्नता होगी जब आप मेरे ब्लाग पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराएँगे तो आपकी आगमन की आशा में पलकें बिछाए........
आपका ब्लागर मित्र
नीलकमल वैष्णव "अनिश"
इस लिंक के द्वारा आप मेरे ब्लाग तक पहुँच सकते हैं धन्यवाद्
1- MITRA-MADHUR: ज्ञान की कुंजी ......
2- BINDAAS_BAATEN: रक्तदान ...... नीलकमल वैष्णव
3- http://neelkamal5545.blogspot.com
राहुल पालीवाल जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को पसन्द करने के लिए हार्दिक आभार !
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है ...
नीलकमल वैष्णव जी,
ReplyDeleteमेरे लेख को पसन्द करने और बहुमूल्य टिप्पणी देने के लिए हार्दिक धन्यवाद!
नयी जानकारी
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